॥ ॐ विप्रवर्गं श्र्वेत वर्णं सहस्र फ़ण संयुतम् ॥
श्री जय मनसा माता जो नर तुमको ध्याता,
जो नर मैया जी को ध्याता मन वांछित फल पाता |
जय मनसा माता
जरत्कारू मुनि पत्नी, तुम वासुकि भगिनी मैया तुम वासुकि भगिनी कश्यप की तुम कन्या आस्तीक की माता |
सुरनर मुनिगण ध्यावत, सेवत नरनारी मैया सेवत नर नारी गर्व धन्वन्तरी नाशिनी, हंस वाहिनी देवी जय नागेश्वरी माता|
जय मनसा माता
पर्वतवासिनी संकट नाशिनी, अक्षय धन दात्री|
मैया अक्षय धनदात्री पुत्र पौत्रदायिनी माता,
पुत्र पौत्रदायिनी माता मन इच्छा फल दाता|
जय मनसा माता
मनसा जी की आरती जो कोई नर गाता मैया जो नर नित गाता
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी सुख सम्पति पाता|
जय मनसा माता