|| ऊँ गौर्ये नमः ||
जय पार्वती माता जय पार्वती माता |
ब्रह्मा सनातन देवी शुभफल की दाता |
अरिकुलापदम बिनासनी जय सेवक्त्राता,
जगजीवन जगदंबा हरिहर गुणगाता |
सिंह को बाहन साजे कुण्डल हैं साथा,
देबबंधु जस गावत नृत्य करा ताथा |
सतयुगरूपशील अतिसुन्दर नामसतीकहलाता,
हेमाचल घर जन्मी सखियन संग राता |
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमाचल स्थाता,
सहस्त्र भुजा धरिके चक्र लियो हाथा |
सृष्टिरूप तुही है जननी शिव संगरंग राता |
नन्दी भृंगी बीन लही है हाथन मद माता |
देवन अरज करत तब चित को लाता,
गावन दे दे ताली मन में रंगराता |
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता |
सदा सुखी नित रहता सुख सम्पति पाता |
26 मई 2025 को मनाया जाने वाला वट सावित्री व्रत गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि इसे भक्तिभाव से मनाया जाता है और जो लोग इसका पालन करते हैं, उनके लिए यह सौभाग्य और बच्चों का आशीर्वाद लेकर आता है। यह पवित्र परंपरा सामंजस्यपूर्ण जीवन को बढ़ावा देने में आशा, समृद्धि और अटूट विश्वास का प्रतीक है।