श्री कृष्ण-वन्दन ।। वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् । सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम्॥
आरती जुगलकिशोर की कीजै । तन मन धन न्योछावर कीजै ॥ आरती...
गौर श्याम मुख निरखन कीजै । प्रेम स्वरूप नयन भर पीजै ॥ आरती...
रवि शशि कोटि बदन की शोभा । ताहि देखि मेरो मन लोभा। आरती...
मोर मुकुट कर मुरली सोहै। नटवर वेष निरख मन मोहै ॥ आरती...
ओढ़ें पीत नील पट सारी। कुंजन ललना लालबिहारी ॥ आरती...
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी । आरती करत सकल ब्रजनारी ॥ आरती...
नँदनंदन बृषभानु किशोरी । परमानँद प्रभु अविचल जोरी ॥ आरती...