|| जय केदार उदार शंकर,पाप ताप नमाम्यहम ।।
जय केदार उदार शंकर,
मन भयंकर दुःख हरम |
गौरी गणपति स्कन्द नन्दी,
श्री केदार नमाम्यहम् |
शैल सुन्दर अति हिमालय,
शुभ मन्दिर सुन्दरम |
निकट मन्दाकिनी सरस्वती,
जय केदार नमाम्यहम |
उदक कुण्ड है अधम पावन,
रेतस कुण्ड मनोहरम |
हंस कुण्ड समीप सुन्दर,
जय केदार नमाम्यहम |
अन्नपूरणा सह अर्पणा,
काल भैरव शोभितम |
पंच पाण्डव द्रोपदी सह,
जय केदार नमाम्यहम |
शिव दिगम्बर भस्मधारी,
अर्द्ध चन्द्र विभूषितम |
शीश गंगा कण्ठ फिणिपति,
जय केदार नमाम्यहम |
कर त्रिशूल विशाल डमरू,
ज्ञान गान विशारदम |
मझहेश्वर तुंग ईश्वर,
रुद कल्प महेश्वरम |
पंच धन्य विशाल आलय,
जय केदार नमाम्यहम |
नाथ पावन हे विशालम |
पुण्यप्रद हर दर्शनम |
जय केदार उदार शंकर,
पाप ताप नमाम्यहम ||
मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान आदि करके हनुमान जी के सामने घी का दीपक जला कर व्रत का संकल्प करें। भगवान हनुमान का व्रत करने से भक्त या उपासक को कोई भी नकारात्मक शक्ति से भय नहीं रहता। जिन भक्तों को शनि देव की साढ़े साती हो वो भी इस व्रत को करते हैं।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, सोमवार व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके भगवान शिव को जल और बेलपत्र चढ़ाना और शिव-पार्वती की पूजा करना शामिल है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार का व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। सोमवार व्रत कथा पढ़ने से अनुष्ठान पूरा होता है।