माँ शीतला हाथो में कलश, सूप, मार्जन (झाडू) तथा नीम के पत्ते धारण किए हुए हैं, माँ को बीमारियों को ठीक करने ख़ास कर चेचक ठीक करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। माँ की सवारी गर्दभ (गधा) हैं।
|| वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम् ।।
आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता (भगवान कार्तिकेय की माता) की पूजा आराधना की जाएगी, माँ दुर्गा का यह स्वरूप बहुत ही सौम्य और करुणा से भरा है, स्कंदमाता की गोद में कार्तिकेय विराजित है, माँ की सच्चे मन से आराधना करने वाले भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं।