!!वक्रा-तुन्ददा महा-काया सुराया-कोटि समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व-कारयेषु सर्वदा !! (ओम गं गणपतये नमो नमः शिर शिद्धिविनायक नमो नमः शिर शिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपति बप्पा मोरया)
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए भक्त सिंदूर, दूर्वा, सुपारी, हल्दी और मोदक चढ़ाते हैं। सिंदूर मंगल का प्रतीक है, जबकि तुलसी को प्राचीन ग्रंथों में पाई जाने वाली एक अनोखी कहानी के कारण नहीं चढ़ाया जाता है। प्रत्येक अर्पण के पीछे की परंपराओं और प्रतीकात्मकता और तुलसी और गणपति की दिलचस्प कहानी को जानें।