हे ज्ञान रूप भगवन,
हमको भी ज्ञान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
सुलझा सकें हम अपनी
जीवन की उलझनों को।
प्रज्ञा, ऋतम्भरा,
बुद्धि का दान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
हे ज्ञान रूप भगवन,
हमको भी ज्ञान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
दाता तुम्हारे दर पर
किस चीज की कमी है।
चाहो तो निर्धनों को
दौलत की खान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
हे ज्ञान रूप भगवन,
हमको भी ज्ञान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
अपनी मदद हमेशा
खुद आप कर सके जो।
इन बाजुओ में शक्ति,
हे शक्तिमान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
हे ज्ञान रूप भगवन,
हमको भी ज्ञान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
डर है प्रभु
तुम्हारा रास्ता न भूल जाएँ।
चरणों में अपने
हमको भी स्थान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
हे ज्ञान रूप भगवन,
हमको भी ज्ञान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥
हे ज्ञान रूप भगवन,
हमको भी ज्ञान दे दो।
करूणा के चार छींटे,
करूणा निधान दे दो॥