Bhagwan Shiv Bhajan jisme prabhu ke ant or anant se lekar shiv ji ko Mahesh bhi kahte hai.
।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात ।।
जो शान्त हो के गूँजता
हाँ मैं ही तो वो शोर हूँ
आकाश हूँ पाताल भी
मैं सूक्ष्म हूँ विशाल भी
पतन हूँ मैं विकास हूँ
तमस हूँ मैं प्रकाश हूँ
रूद्र हूँ निगल लूँ सब
हाँ मैं ही वो विनाश हूँ
मैं खण्ड हूँ मैं अखण्ड भी
प्रचण्ड हूँ मैं, मैं ही शान्ति
मैं शिव हूँ मैं ही तो हूँ
हाँ मैं शिव हूँ, शिव हूँ
मैं घोर हूँ मैं अघोर हूँ
वीभत्स हूँ मैं विभोर हूँ
मैं पूर्ण हूँ मैं शेष हूँ
समग्र मैं ही विशेष हूँ
जगत का हूँ आधार मैं
हाँ मैं ही तो महेश हूँ
हाँ मैं ही तो महेश हूँ
मैं शिव हूँ मैं ही तो हूँ
हाँ मैं शिव हूँ, शिव हूँ
शिव ॐ.................
मैं आदि हूँ मैं अन्त हूँ
मैं राख हूँ मैं ज्वलन्त हूँ
सृजन मैं हूँ मैं काल हूँ
हूँ सुन्दर मैं विकराल हूँ
जो मैंत्रु मोक्ष बाँटता
हाँ मैं ही तो महाकाल हूँ