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नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो अंबे दुःख हरनी, पढ़ें संपूर्ण दुर्गा चालीसा( Durga Chalisa Lyrics) नवरात्र के पहले दिन से नवमी तक मां के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है।
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान गणेश को फूल और चावल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें। हिंदू वर्ष के अंतिम महीने में इस शुभ दिन को मनाने से सच्चे मन से की गई पूजा से विशेष आशीर्वाद और फल की प्राप्ति होती है।
संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी है। कहा जाता है कि विधि विधान से बजरंगबली के इस पाठ से हर बाधा का नाश होता है और संकटों का अंत होता है।
शनि देव भगवान सूर्य और देवी छाया के पुत्र है, शनि देव को कर्मो का देव कहा जाता है अर्थात जैसे कर्म करोगे शनि देव उसका फल अवश्य देंगे।
आज नवरात्रि के तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना, मां का यह रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां चंद्रघंटा का भक्त निडर और पराक्रमी होने के साथ, सौम्य और तेजवान भी हो जाता है।
मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान आदि करके हनुमान जी के सामने घी का दीपक जला कर व्रत का संकल्प करें। भगवान हनुमान का व्रत करने से भक्त या उपासक को कोई भी नकारात्मक शक्ति से भय नहीं रहता। जिन भक्तों को शनि देव की साढ़े साती हो वो भी इस व्रत को करते हैं।