!!वक्रा-तुन्ददा महा-काया सुराया-कोटि समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व-कारयेषु सर्वदा !! (ओम गं गणपतये नमो नमः शिर शिद्धिविनायक नमो नमः शिर शिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपति बप्पा मोरया)
सुखकारक दुःखहर्ता वर्त विघ्नची।
नूरवी पूर्वी प्रेमा कृपा जयची।
सर्वांगी सुंदरा उटी शेंदुराची।
कांति झलके माला मुक्ताफलानी
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति दर्शनमत्रे मनकामना पूर्ति
रत्नाचिटा चरण तुजा गौरीकुमारा।
चंदनची उति कुमकुमकेसरा।
हिर जादिता मुकुता शोभतो बारा।
रनहुँति नूपुर चरनी गागरिया सुरवरवन्दन
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति दर्शनमत्रे मनकामना पूर्ति
लम्बोदर पीताम्बरा फणीवर बंधना।
सरला सोंडा वक्रतुण्ड त्रिनयन।
दासा रामच वात पै साधना।
संकवि पावे निर्वाणी रक्षे सुरवरवन्दना
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति दर्शनमत्रे मनकामना पूर्ति