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Releated Stories

The fifth day of Navratri - Skandmata
स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन की कथा

आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता (भगवान कार्तिकेय की माता) की पूजा आराधना की जाएगी, माँ दुर्गा का यह स्वरूप बहुत ही सौम्य और करुणा से भरा है, स्कंदमाता की गोद में कार्तिकेय विराजित है, माँ की सच्चे मन से आराधना करने वाले भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं।

Durga Chalisa
श्री दुर्गा चालीसा पाठ

नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो अंबे दुःख हरनी, पढ़ें संपूर्ण दुर्गा चालीसा( Durga Chalisa Lyrics) नवरात्र के पहले दिन से नवमी तक मां के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है।

Kanakdhara Stotra Path
महालक्ष्मी कनकधारा स्त्रोत पाठ

अपार धन-संपदा देने वाला कनकधारा स्त्रोत - अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।

Navratri Day 1: Maa Shailputri Katha
नवरात्रि का पहला दिन : मां शैलपुत्री

हिमालय की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है, पूर्व जन्म में इनका नाम सती था और ये भगवान शिव की पत्नी थी। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया, इसी कारण सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया।