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Mai Bhola Parvat ka Bhajan
मैं भोला पर्वत का

मैं भोला पर्वत का रै तू राणी महला की तेरी मेरी पार पड़ै ना बेशक लिखी पहला की. तू भोला पर्वत का रे मैं रानी महला की तेरी मेरी जोरी खूब जमे या लिखी पहला की किसे राजा तै ब्याह करवाले मेरी गैल म रै पछतावैगी तेरी काया पड़ज्या काली रै

Shri Ram Chandra Kripalu
श्री राम चंद्र कृपालु स्तुति लिरिक्स

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्। पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।