रामायण कलियुग में पापो से मुक्ति पाने का एक सरल उपाय है, इस युग में जो भी रामायण जी की आरती करता है उसे श्री राम के साथ माता सीता और हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त होती है, और दुःख से मुक्ति मिलती है।
किष्किन्धाकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है। || किष्किंधाकाण्ड ||. किष्किंधाकाण्ड में हनुमान मिलन से बालि वध व सीता खोज की तैयारी तक के घटनाक्रम आते हैं।
यह भजन श्री लक्ष्मणचार्य द्वारा लिखा गया था, यह भजन श्री नम: रामायणम् का एक अंश है, भगवान राम को समर्पित यह भजन रघुपति राघव राजाराम। यह भजन भगवान राम की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के दिलों में शांति और भक्ति का संचार करता है।
मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान आदि करके हनुमान जी के सामने घी का दीपक जला कर व्रत का संकल्प करें। भगवान हनुमान का व्रत करने से भक्त या उपासक को कोई भी नकारात्मक शक्ति से भय नहीं रहता। जिन भक्तों को शनि देव की साढ़े साती हो वो भी इस व्रत को करते हैं।