हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन से खरमास खत्म हो जाते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन सूर्य देव की उपासना करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन से धरती पर अच्छे दिनों की शुरुआत मानी जाती है इसकी वजह यह है कि सूर्य इस दिन से दक्षिण से उत्तरी गोलार्ध में गमन करने लगते हैं। इससे देवताओं के दिन का आरंभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्वर्ग का दरवाजा खुल जाता है। इसलिए इस दिन किया गया दान पुण्य अन्य दिनों में किए गए दान पुण्य से अधिक फलदायी होता है।
मकर संक्रांति के दिन शुभ और महा शुभ मुहूर्त का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शुभ और महा शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, साथ ही सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति के दिन शुद्ध घी एवं कंबल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रांति का ही चयन किया था। गीता में बताया गया है कि जो व्यक्ति उत्तरायण में शुक्ल पक्ष में देह का त्याग करता है उसे मुक्ति मिल जाती है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं इसलिए इस पुण्यदायी दिवस को हर्षोल्लास से लोग मनाते हैं।