भगवान शिव को त्रिमूर्ति के भीतर "विनाशक" के रूप में जाना जाता है, सर्वोच्च देवता जिसमें ब्रह्मा और विष्णु शामिल हैं। शैव परंपरा में, शिव सर्वोच्च भगवान हैं जो ब्रह्मांड की रचना, रक्षा और परिवर्तन करते हैं। भगवान भोले भंडारी शंभू को कई नामों से भी जाना जाता है, जिनका उल्लेख नीचे किया गया है।
- शिव
- महेश्वर
- शंभवे
- पिनाकिने
- शशिशेखर
- वामदेवाय
- विरूपाक्ष
- कपर्दी
- नीललोहित
- शंकर
- शूलपाणी
- खटवांगी
- विष्णुवल्लभ
- शिपिविष्ट
- अंबिकानाथ
- श्रीकण्ठ
- भक्तवत्सल
- भव
- शर्व
- त्रिलोकेश
- शितिकण्ठ
- शिवाप्रिय
- उग्र
- कपाली
- कामारी
- अंधकारसुर सूदन
- गंगाधर
- ललाटाक्ष
- कालकाल
- कृपानिधि
- भीम
- परशुहस्त
- मृगपाणी
- जटाधर
- कैलाशवासी
- कवची
- कठोर
- त्रिपुरान्तक
- वृषांक
- वृषभारूढ़
- भस्मोद्धूलितविग्रह
- सामप्रिय
- स्वरमयी
- त्रयीमूर्ति
- अनीश्वर
- सर्वज्ञ
- परमात्मा,
- सोमसूर्याग्निलोचन,
- हवि,
- यज्ञमय
- सोम
- पंचवक्त्र
- सदाशिव
- विश्वेश्वर
- वीरभद्र
- गणनाथ
- प्रजापति
- हिरण्यरेता
- दुर्धर्ष
- गिरीश
- गिरिश
- अनघ,
- भुजंगभूषण,
- भर्ग
- गिरिधन्वा
- गिरिप्रिय
- कृत्तिवासा
- पुराराति
- भगवान्
- प्रमथाधिप
- मृत्युंजय
- सूक्ष्मतनु
- जगद्व्यापी
- जगद्गुरू
- व्योमकेश,
- महासेनजनक,
- चारुविक्रम
- रुद्र
- भूतपति,
- स्थाणु
- अहिर्बुध्न्य
- दिगम्बर,
- अष्टमूर्ति
- अनेकात्मा
- सात्विक
- शुद्धविग्रह
- शाश्वत
- खण्डपरशु,
- अज
- पाशविमोचन
- मृड
- पशुपति,
- देव
- महादेव
- अव्यय
- हरि,
- भगनेत्रभिद्,
- अव्यक्त,
- दक्षाध्वरहर
- हर
- पूषदन्तभित्,
- अव्यग्र
- सहस्राक्ष
- सहस्रपाद
- अपवर्गप्रद
- अनन्त
- तारक
- परमेश्वर