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Rishi Markandeya ji has written a special Shiva Mahamrityunjaya Mantra to remove untimely death/crisis. What is the method of chanting the Mahamrityunjaya Mantra? What is the meaning of Mahamrityunjaya Mantra?
देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कहा जाता है। देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi Katha) पर भगवान विष्णु को चार महीने की निद्रा के बाद विधि-विधान से पूजा करके जगाया जाता है।
देवउठनी एकादशी पर इस गीत से जगाएं इसी के साथ घर परिवार में सभी तरह के मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। देव को उठाने के लिए एक बहुत ही परचलित गीत है उठो देव बैठो देव इसे गाकर ही सभी लोग शाम के समय अपने-अपने घरों के देव को उठाते हैं।
हमारे शास्त्रों में उल्लेख है, अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती है, रोजाना करें अष्टलक्ष्मी स्तोत्र पाठ।
पूर्णिमा व्रत कथा सत्यनारायण भगवान का पाठ करने से व्यक्ति को हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य फल मिलता है। इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान गणेश को फूल और चावल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें। हिंदू वर्ष के अंतिम महीने में इस शुभ दिन को मनाने से सच्चे मन से की गई पूजा से विशेष आशीर्वाद और फल की प्राप्ति होती है।
एक महाराजा थे, राजा का नाम मकरध्वज था। मकरध्वज बहुत अधिक धार्मिक प्रवृत्ति के राजा थे और अपने बच्चों की तरह अपनी प्रजा का पालन करते थे। इसलिए उसके राज्य के लोग पूरी तरह से खुश और संतुष्ट थे, लेकिन राजा को मुनि याज्ञवल्क्य से बहुत लगाव था।
श्राद्ध कर्म महत्व, विधि जानकारी, हिंदू धर्म में पूर्णिमा श्राद्ध का बहुत महत्व है, इसी दिन से पितृ पक्ष शुरू होता है। भाद्रपद पूर्णिमा को पूर्णिमा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है।