हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या तिथि कहते हैं। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है तो अमावस्या तिथि का योग बनता है। इस तिथि को पितरों की पूजा करने और उनके लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म, पिंडदान आदि किए जाते हैं।
माना जाता है कि अमावस्या की तिथि भगवान श्री विष्णु को अतिप्रिय है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का भी विधान है। अमावस्या के दिन महिलाये अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत उपवास और पूजा भी करती है।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन उपाय करने चाहिए तथा इस तिथि को पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए, यदि किसी कारण से नदी में स्नान नहीं कर सकते तो ऐसी स्थिति में घर में रखे गंगाजल या किसी भी पवित्र नदी के जल को स्नान वाले जल में मिला कर स्नान करने से भी पवित्र नदी में स्नान जितना ही फल प्राप्त होता हैं।