सिंह: प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकर:।।
गणपति अथर्वशीर्ष, एक शक्तिशाली स्तोत्र, भगवान गणेश के भक्तों के लिए एक पूजनीय अभ्यास है, माना जाता है कि यह शांति, समृद्धि और सुरक्षा लाता है। नियमित पाठ बाधाओं को दूर करता है, अशुभ ग्रहों को शांत करता है, और सफलता के लिए सकारात्मक ग्रहों के प्रभावों को मजबूत करता है।
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए भक्त सिंदूर, दूर्वा, सुपारी, हल्दी और मोदक चढ़ाते हैं। सिंदूर मंगल का प्रतीक है, जबकि तुलसी को प्राचीन ग्रंथों में पाई जाने वाली एक अनोखी कहानी के कारण नहीं चढ़ाया जाता है। प्रत्येक अर्पण के पीछे की परंपराओं और प्रतीकात्मकता और तुलसी और गणपति की दिलचस्प कहानी को जानें।