कामाख्या देवी मंदिर असम के गुवाहाटी शहर में स्थित एक बहुत प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर माता कामाख्या को समर्पित है, जो शक्ति और प्रजनन की देवी मानी जाती हैं। यह मंदिर नीलाचल पहाड़ी पर स्थित है और अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता के लिए जाना जाता है।
कामाख्या देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहाँ पर देवी सती का एक अंग गिरा था, जिससे यह स्थान बहुत पवित्र माना जाता है। यहाँ भक्त माता से आशीर्वाद प्राप्त करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।
मंदिर की बनावट बहुत ही खास है। यहाँ का मुख्य गुंबद और संरचना देखने लायक है। मुख्य मंदिर के अलावा, यहाँ दस महाविद्याओं के छोटे-छोटे मंदिर भी हैं, जो देवी के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं। यहाँ नियमित रूप से पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं।
कामाख्या मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव अम्बुबाची मेला है, जो जून महीने में मनाया जाता है। यह मेला देवी के वार्षिक ऋतुस्राव के समय मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर तीन दिनों के लिए बंद रहता है और चौथे दिन विशेष पूजा के बाद पुनः खुलता है। इस मेले में देशभर से हजारों श्रद्धालु आते हैं।
तंत्र विद्या में कामाख्या देवी का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है और उन्हें तांत्रिक साधना की प्रमुख देवी माना जाता है। कामाख्या देवी को महाशक्ति का स्वरूप माना जाता है और तंत्र साधकों के लिए वे सर्वाधिक शक्तिशाली देवी हैं, जो सृजन, पालन और विनाश की शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। तांत्रिक साधकों के लिए कामाख्या पीठ विशेष साधना स्थल है, जहाँ वे सिद्धियों की प्राप्ति के लिए साधना करते हैं।
अम्बुबाची मेला तांत्रिक साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें देवी के वार्षिक ऋतुस्राव के दौरान विशेष अनुष्ठान और साधना की जाती है। तांत्रिक ग्रंथों और मंत्रों में कामाख्या देवी का विशेष उल्लेख है और योनि पूजा का विशेष महत्व है, जो सृजन और जीवन की ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। इस प्रकार, कामाख्या देवी तंत्र विद्या में एक प्रमुख स्थान रखती हैं और उनकी साधना से साधकों को अद्वितीय तांत्रिक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
कामाख्या देवी मंदिर पहुँचने के लिए आपको पहले गुवाहाटी आना होगा। गुवाहाटी भारत के प्रमुख शहरों से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग: गुवाहाटी का लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। यहाँ से आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा से मंदिर पहुँच सकते हैं।
- रेल मार्ग: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से आप टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस से मंदिर पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: गुवाहाटी सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। गुवाहाटी पहुँचने के बाद, आप स्थानीय वाहन या पैदल नीलाचल पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक पहुँच सकते हैं।