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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान शनिवार को व्रत रखने के साथ-साथ शनिवार व्रत कथा का पढ़ना और सुनना विशेष रूप से लाभदायक होता है।
|| ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः||
श्री हनुमान चालीसा | दोहा : · श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।