महीने, माह या मास-
1. चैत्र या चैत ( अप्रैल ),
2. वैशाख ( मई),
3. ज्येष्ठ या जेठ (जून),
4. आषाढ़ या साढ़ (जुलाई),
5. श्रावण या सावन (अगस्त),
6. भाद्रपद या भादवा (सितम्बर ),
7. आश्विन या आसोज़ (अक्टूबर),
8. कार्तिक या कातक ( नवम्बर ),
१. मार्गशीर्ष या मंगसिर (दिसम्बर),
10. पोष या पौह ( जनवरी ),
11. माघ या माह ( फरवरी ),
12. फाल्गुन या फागण (मार्च)
ये बारह महीने क्रम से होते हैं।
हर तीन वर्ष बाद कोई एक महीना बढ़ जाता है और वह वर्ष तेरह महीने का हो जाता है। इनमें पहले का शुक्ल पक्ष और दूसरे माह का कृष्ण पक्ष मिलकर मलमास कहलाता है। मलमास को अधिक मास, पुरुषोत्तम मास और लौंद भी कहा जाता है।
पौष मास को मलमास और चैत्र को खर मास भी कहते हैं। मलमास कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं। केवल भगवान नाम का कीर्तन और कथाएं होती रहती हैं।