ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः
त्रिलोकपुर महान धार्मिक महत्व का स्थान है। इसे मां वैष्णो देवी का बचपन स्थान माना जाता है। देवी महामाया बाला सुंदरी का मंदिर उत्तरी भारत के लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
त्रिलोकपुर मंदिर माँ आदिशक्ति बाला सुंदरी को समर्पित एक मंदिर है इसकी स्थापना सौलहवी शताब्दी मे नाहन के राजा द्वारा करवाई गयी थी मंदिर एक विषय मे अनेकों कथाएँ प्रचलित हैं जिनमें एक कथा लाला रामदास की है जिसको प्रमाणिक माना जाता है यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की मध्यम ऊंचाई की पहाडियों मे स्थित है
मंदिर का इतिहासकथाओं के अनुसार 1573 में महामाया बाला सुंदरी उत्तरप्रदेश के जिला सहारनपुर के देवबन्द नामक स्थान से नमक की बोरी में त्रिलोकपुर आई थी। कहा जाता है कि एक बार त्रिलोकपुर और नाहन रियासत मे नमक का अभाव हो गया था और ज्यादातर नमक सहारनपुर के देवबन्द नामक स्थान से लाना पड़ता था| लाला जी जब भी सहारनपुर जाते तो माँ शाकम्भरी देवी और भगवती त्रिपुरा बाला सुंदरी के दर्शन भी अवश्य करते थे उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माँ उनकी नमक की बोरी में उनके साथ यहां आई थी। उनकी दुकान त्रिलोकपुर में पीपल के वृक्ष के नीचे हुआ करती थी। उन्होंने देवबन्द से लाया तमाम नमक दुकान में डाल दिया और बेचते गए मगर नमक खत्म होने में नहीं आया। लाला जी उस पीपल के वृक्ष को हर रोज सुबह जल देकर उसकी पूजा करते थे। उन्होंने नमक बेचकर बहुत पैसा कमाया। लेकिन वह एक दिन चिन्ता में पड़ गए कि नमक खत्म क्यों नहीं हो रहा। मां ने खुश होकर रात को लाला जी के सपने में आकर दर्शन दिए और कहा कि मैं आदिशक्ति श्रीविद्या त्रिपुरसुंदरी हूँ मैं तुम्हारे भक्तिभाव से अति खुश हूं, मैं यहां पीपल के वृक्ष के नीचे बाल रूप मे पिण्डी रूप में स्थापित हो गई हूं और तुम मेरा यहां पर भवन बनावाओ, लाला जी को अब भवन निर्माण की चिन्ता सताने लगी। उसने फिर माता की अराधना की और उनसे कहा कि इतने बड़े भवन निर्माण के लिए मेरे पास सुविधाओं व पैसे की कमी है। आपसे एक विनती है कि आप सिरमौर के महाराजा को भवन निर्माण का आदेश दे। माँ ने अपने भक्त की पुकार सुन ली और उस समय सिरमौर के राजा प्रदीप प्रकाश को सोते समय स्वप्र में दर्शन देकर भवन निर्माण का आदेश दिया। राजा द्वारा जयपुर से विशेष कारीगर बुलाये गये और माँ का भवन बनकर तैयार हुआ
कैसे पहुंचेमाँ त्रिलोकपुर देवी का मंदिर हरियाणा हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास हिमाचल प्रदेश के जिले सिरमौर के त्रिलोकपुर गाँव मे है इस स्थान पर आने के लिए पहले औद्योगिक नगरी कालाअंब पहुंचना पड़ता है कालाअंब आने के लिए यमुनानगर,अंबाला करनाल, नारायणगढ़, नाहन आदि प्रमुख शहरों से बसों की सुविधा है इस स्थान से माँ का मंदिर मात्र छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है नवरात्र के अवसर पर बस स्टैंड यमुनानगर की और से त्रिलोकपुर मेले के लिए आधा-आधा घंटा के अंतराल पर विशेष बसे चलती है