ॐ नमः शिवाय
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।
दैनिक जीवन में शिव चालीसा का सार आंतरिक शांति, शक्ति और स्पष्टता को बढ़ावा देता है। इसके छंदों का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है, बाधाओं को दूर करने, तनाव कम करने और चुनौतियों के बीच शांति की प्रेरणा मिलती है। यह आध्यात्मिक विकास और कल्याण के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, सोमवार व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके भगवान शिव को जल और बेलपत्र चढ़ाना और शिव-पार्वती की पूजा करना शामिल है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार का व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। सोमवार व्रत कथा पढ़ने से अनुष्ठान पूरा होता है।