भारत त्योहारों का देश है, जहाँ हर त्योहार का अपना अलग महत्व है, उसी तरह दुर्गा माता को समर्पित पर्व नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ हो जायँगे। माँ दुर्गा को समर्पित इन नौ दिनों में माँ के नौ अलग रूपों की आराधना की जाती है, सभी भगतो को नवरात्रि व्रत का बेसब्री से इन्तजार रहता हैं। भगत जन नवरात्रि के पर्व पर अपने घर और मंदिर को स्वच्छ और सुन्दर तरह से सजाते है। नवरात्रि पर चारो तरफ भक्ति का माहौल बना रहता हैं। पूरा परिवार सुख शांति और सभी पर माता रानी का आशिर्वाद बना रहे इस तरह की मनोकामना से व्रत रखते व पूजन करते है। माता रानी खुश होकर सभी की मनोकामना पूर्ण करती हैं।
शेरों वाली माता को लाल रंग की चुनरी और श्रृंगार आदि चढ़ाया जाता हैं, जो कन्या पूजन के दिन माँ दुर्गा के रूप में पूजी जाने वाली कन्या को भेट स्वरूप दे दी जाती है। शरद नवरात्रों के दिनों में देश के कुछ हिस्सों में माँ दुर्गा की मूर्ति भी पूजी जाती है तथा उत्तर भारत में माँ दुर्गा की सांझी(मूर्ति) बनाने का भी प्रचलन है।
नवरात्रि व्रत 9 दिन के लिए बड़े ही धुम-धाम से मनाया जाता है, जिसमे श्रद्धालु अपने घर में घट स्थापना करते हुए ज्यो (जौ) बोते हैं, पहले ही दिन घी या तेल की अखंड ज्योत प्रज्जवलित की जाती है, जो लगातार 9 दिनों तक प्रज्जवलित रहती है।
नवरात्रि के 9 दिनों तक घर में न तो लहसुन प्याज़ का खाना बनता हैं और न ही तामसिक भोजन ग्रहण किया जाता हैं सिर्फ वैष्णो भोजन ग्रहन करना अति उत्तम बताया गया है। जो व्यक्ति व्रत कर रहा हो इन दिनों जमीन पर ही सोना अच्छा माना जाता हैं। इस समय जगह जगह दुर्गा पंडाल लगाए जाते है जहाँ सभी मिलकर माता रानी की पूजा व आराधना करते हैं।
अश्वनी माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है सालभर में 4 बार नवरात्रि पड़ती है जिनमें से 2 गुप्त नवरात्रि और 2 प्रत्यक्ष नवरात्रि कहलाती हैं
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घट स्थापना का विधान है अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ पहले दिन कलश स्थापना और व्रत का विधान है. नवमी और दशमी पर कन्या पूजन, कलश और प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है
नवरात्रि की शुरुआत | 15 अक्टूबर 2023 - दिन रविवार |
नवरात्रि का समापन | 24 अक्टूबर 2023 |
वहीं, 24 अक्टूबर, विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाती है साल चैत्र नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ हो रहे हैं और देवी पुराण में कहा गया है यदि नवरात्रि रविवार, सोमवार से प्रारंभ हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनि, मंगल को घोड़े पर, गुरु एवं शुक्र को डोली में तथा बुध को नाव में सवार होकर आती हैं। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी हर साल मां अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती है. मां का हर वाहन विशेष संदेश देता है। नौका पर सवार होने से पूरी विश्व में सुख समृद्धि, अच्छी बारिश और अच्छी फसल बढेगी। ऐसे में इस बार नवरात्रि पूरे देश के लिए शुभ साबित होगी।
21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से 22 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट तक | |
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा प्रांरभ | 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट |
नवरात्रि उत्सव के अंत में की जाने वाली रस्म है। उद्यापन विधि करने के चरण यहां दिए गए हैं:
ये नवरात्रि उद्यापन विधि के चरण हैं, और इन्हें भक्ति और समर्पण के साथ करने से घर में शांति और समृद्धि आती है।