शिव कैलाश के वासी, धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना...
ओ भोले बाबा, शंकर संकट हरना...
तेरे कैलाश का अंत ना पाया,
अंत बेअंत तेरी माया,
ओ भोले बाबा
अंत बेअंत तेरी माया
शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना...
ओ भोले बाबा, शंकर संकट हरना...
बेल की पत्ती भसमा और धतूरा
शिवजी के मन को लुभाए
ओ भोले बाबा
शिवजी के मन को लुभाए
शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना...
ओ भोले बाबा, शंकर संकट हरना...
एक था डेरा तेरा, चम्बेरे चौगाड़ा
दूजा लाई दीतता भर मोरा
ओ भोले बाबा
दूजा लाई दीतता भर मोरा
शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना...
ओ भोले बाबा, शंकर संकट हरना...
शिव कैलाशों के वासी,
धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना...
ओ भोले बाबा, शंकर संकट हरना...
शंकर संकट हरना
दैनिक जीवन में शिव चालीसा का सार आंतरिक शांति, शक्ति और स्पष्टता को बढ़ावा देता है। इसके छंदों का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है, बाधाओं को दूर करने, तनाव कम करने और चुनौतियों के बीच शांति की प्रेरणा मिलती है। यह आध्यात्मिक विकास और कल्याण के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है