नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, सोमवार व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके भगवान शिव को जल और बेलपत्र चढ़ाना और शिव-पार्वती की पूजा करना शामिल है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार का व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। सोमवार व्रत कथा पढ़ने से अनुष्ठान पूरा होता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र, भगवान सूर्य (सूर्य देव) को समर्पित एक भजन, दिव्य ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। इस पवित्र स्तोत्र का पाठ करने से जीवन शक्ति, साहस और सफलता मिलती है। भक्त स्वास्थ्य, समृद्धि और बाधाओं पर काबू पाने, आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने और संतुलित, विजयी और प्रबुद्ध जीवन जीने के लिए सूर्य की पूजा करते हैं।